shayri
क्यो किसी से इतना प्यार हो जाता है एक पल का इंतज़ार भी दुश्वार हो जाता है लगने लगते है अपने भी प्यारे और एक अजनबी पर ऐतबार हो जाता है…
बिन बुलाये किसी के घर जाया नहीं करते महफिल में इश्क बहाया नहीं करते आज फिर उन्ही के आने का करार है देव वर्ना किसी के इंतजार में राहे यूँ सजाया नहीं करते
ये लडकियों के बाल है लडको को फ़साने के जाल चूस लेती है खून जिस्म का सारा इसी लिए होते है इनके होठ लाल
डूबना है तो समुद्र में जाके डुबो किनारे पर क्या रखा है प्यार करना है तो बाहो में आके करो किनारे पर क्या रखा है
शुबह होती नही शाम ढलती नही नज़ाने क्या खूबी है आप मे के आप को यादकिए बिना खुशी मिलती नही
तुझे देखु तो सारा जहाँ रंगीन नज़र आता है तेरे बिना दिल को चेन किसको आता है तुम ही हो मेरे दिल की धड़कन तेरा बिना यह संसार आवारा नज़र आता है
दीवानगी मे कुछ एसा कर जाएंगे महोब्बत की सारी हदे पार कर जाएंगे वादा है तुमसे दिल बनकर तुम धड़कोगे और सांस बनकर हम आएँगे
वो रात दर्द और सितम की रात होगी जिस रात रुखसत उनकी बारात होगी उठ जाता हु मैं ये सोचकर नींद से अक्सर के एक गैर की बाहों में मेरी सारी कायनात होगी…
तू चाँद मे सितारा होता आसमान के एक आशियाना में एक आशियाना हमारा होता लोग तुम्हे दूर से देखते नज़दीक से देखने का हक़ बस हमारा होता
दिल पे क्या गुज़री वो अनजान क्या जाने प्यार किसे कहते है वो नादान क्या जाने हवा के साथ उड़ गया घर इस परिंदे का कैसे बना था घोसला वो तूफान क्या जाने
कौन कहता है हम उसके बिना मर जायेंगे हम तो दरिया है समंदर में उतर जायेंगे वो तरस जायेंगे प्यार की एक बून्द के लिए हम तो बादल है प्यार के…किसी और पर बरस जायेंगे
शायर तो हम है शायरी बना देंगे आपको शायरी मे क़ैद कर लेंगे कभी सूनाओ हमे अपनी आवाज़ आपकी आवाज़ को हम ग़ज़ल बना देंगे
ज़िंदगी में बार बार सहारा नही मिलता बार बार कोई प्यार से प्यारा नही मिलता है जो पास उसे संभाल के रखना खो कर वो फिर कभी दुबारा नही मिलता…
इश्क़ सभी को जीना सीखा देता है वफ़ा के नाम पर मरना सीखा देता है इश्क़ नही किया तो करके देखो ज़ालिम हर दर्द सहना सीखा देता है…
कुछ उलझे सवालो से डरता हे दिल जाने क्यों तन्हाई में बिखरता हे दिल किसी को पाने कि अब कोई चाहत न रही बस कुछ अपनों को खोने से डरता हे ये दिल
जब खामोश आँखो से बात होती है ऐसे ही मोहब्बत की शुरुआत होती है तुम्हारे ही ख़यालो में खोए रहते हैं पता नही कब दिन और कब रात होती है
मुस्कुराते पलको पे सनम चले आते हैं आप क्या जानो कहाँ से हमारे गम आते हैं आज भी उस मोड़ पर खड़े हैं जहाँ किसी ने कहा था कि ठहरो हम अभी आते हैं……
हकीक़त कहो तो उनको ख्वाब लगता है .. शिकायत करो तो उनको मजाक लगता है… कितने सिद्दत से उन्हें याद करते है हम …………. और एक वो है ….जिन्हें ये सब इत्तेफाक लगता है…
मंदिर में जप करता हूँ मस्जिद में आदाब करता हूँ इंसान से कहीं भगवान ना बन जाउ इसलिए रोज़ तुझको SMS करके पाप करता हूँ
वो ज़िंदगी ही क्या जिसमे मोहब्बत नही वो मोहबत ही क्या जिसमे यादें नही वो यादें क्या जिसमे तुम नही और वो तुम ही क्या जिसके साथ हम नही
बिन बुलाये किसी के घर जाया नहीं करते महफिल में इश्क बहाया नहीं करते आज फिर उन्ही के आने का करार है देव वर्ना किसी के इंतजार में राहे यूँ सजाया नहीं करते
ये लडकियों के बाल है लडको को फ़साने के जाल चूस लेती है खून जिस्म का सारा इसी लिए होते है इनके होठ लाल
डूबना है तो समुद्र में जाके डुबो किनारे पर क्या रखा है प्यार करना है तो बाहो में आके करो किनारे पर क्या रखा है
शुबह होती नही शाम ढलती नही नज़ाने क्या खूबी है आप मे के आप को यादकिए बिना खुशी मिलती नही
तुझे देखु तो सारा जहाँ रंगीन नज़र आता है तेरे बिना दिल को चेन किसको आता है तुम ही हो मेरे दिल की धड़कन तेरा बिना यह संसार आवारा नज़र आता है
दीवानगी मे कुछ एसा कर जाएंगे महोब्बत की सारी हदे पार कर जाएंगे वादा है तुमसे दिल बनकर तुम धड़कोगे और सांस बनकर हम आएँगे
वो रात दर्द और सितम की रात होगी जिस रात रुखसत उनकी बारात होगी उठ जाता हु मैं ये सोचकर नींद से अक्सर के एक गैर की बाहों में मेरी सारी कायनात होगी…
तू चाँद मे सितारा होता आसमान के एक आशियाना में एक आशियाना हमारा होता लोग तुम्हे दूर से देखते नज़दीक से देखने का हक़ बस हमारा होता
दिल पे क्या गुज़री वो अनजान क्या जाने प्यार किसे कहते है वो नादान क्या जाने हवा के साथ उड़ गया घर इस परिंदे का कैसे बना था घोसला वो तूफान क्या जाने
कौन कहता है हम उसके बिना मर जायेंगे हम तो दरिया है समंदर में उतर जायेंगे वो तरस जायेंगे प्यार की एक बून्द के लिए हम तो बादल है प्यार के…किसी और पर बरस जायेंगे
शायर तो हम है शायरी बना देंगे आपको शायरी मे क़ैद कर लेंगे कभी सूनाओ हमे अपनी आवाज़ आपकी आवाज़ को हम ग़ज़ल बना देंगे
ज़िंदगी में बार बार सहारा नही मिलता बार बार कोई प्यार से प्यारा नही मिलता है जो पास उसे संभाल के रखना खो कर वो फिर कभी दुबारा नही मिलता…
इश्क़ सभी को जीना सीखा देता है वफ़ा के नाम पर मरना सीखा देता है इश्क़ नही किया तो करके देखो ज़ालिम हर दर्द सहना सीखा देता है…
कुछ उलझे सवालो से डरता हे दिल जाने क्यों तन्हाई में बिखरता हे दिल किसी को पाने कि अब कोई चाहत न रही बस कुछ अपनों को खोने से डरता हे ये दिल
जब खामोश आँखो से बात होती है ऐसे ही मोहब्बत की शुरुआत होती है तुम्हारे ही ख़यालो में खोए रहते हैं पता नही कब दिन और कब रात होती है
मुस्कुराते पलको पे सनम चले आते हैं आप क्या जानो कहाँ से हमारे गम आते हैं आज भी उस मोड़ पर खड़े हैं जहाँ किसी ने कहा था कि ठहरो हम अभी आते हैं……
हकीक़त कहो तो उनको ख्वाब लगता है .. शिकायत करो तो उनको मजाक लगता है… कितने सिद्दत से उन्हें याद करते है हम …………. और एक वो है ….जिन्हें ये सब इत्तेफाक लगता है…
मंदिर में जप करता हूँ मस्जिद में आदाब करता हूँ इंसान से कहीं भगवान ना बन जाउ इसलिए रोज़ तुझको SMS करके पाप करता हूँ
वो ज़िंदगी ही क्या जिसमे मोहब्बत नही वो मोहबत ही क्या जिसमे यादें नही वो यादें क्या जिसमे तुम नही और वो तुम ही क्या जिसके साथ हम नही
shayri
Reviewed by Aman Singh
on
August 04, 2017
Rating: 5